diteez
poems
Tuesday, May 15, 2012
मौसम
वसन्तको एकदिन
मेरा सपनाले
तिम्रो सिरानीमा बास मागे
वर्षातको एकदिन
पानी संगै सपना
मेरो सिरानी बाट पखालिएर गए
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