diteez
poems
Thursday, October 10, 2019
एकान्त
तिमी र म
सधैं एकान्तमा रमाउने
तर अब त्यो एकान्त नै
एक अर्का बिना
अधुरो लाग्ने
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment